मशहूर गजल गायक पंकज उधास का निधन; 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा, परिवार ने जानकारी दी, लंबे समय से बीमार थे
Famous Ghazal Singer Pankaj Udhas Death At Age 72 Due To Illness
Pankaj Udhas Death News: मुंबई से मशहूर दिग्गज गजल गायक पंकज उधास को लेकर दुखद खबर सामने आई है। पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है। परिवार ने इसकी जानकारी दी है। परिवार ने कहा- बहुत भारी मन और दुख के साथ हमें ये बताना पड़ रहा है कि पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार थे। पंकज उधास को 2006 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। पद्मश्री के अलावा पंकज उधास को कई और पुरस्कार भी मिले। जिनकी फेहरिस्त लंबी है।
बता दें कि, पंकज उधास की गजल गायकी में एक अलग सा जादू और ठहराव था। पंकज उधास की गजलें समा बांध देती हैं। लोग थमकर उन्हें सुनते थे। इसीलिए गजल गायक जगजीत सिंह के साथ-साथ पंकज उधास का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। पंकज उधास 1986 में उस समय पूरे-देश दुनिया में मशहूर हो गए थे जब उन्होने संजय दत्त की नाम फिल्म में "चिट्ठी आई है" गजल गाई थी। इस गजल ने सबको रुला दिया था। पंकज उधास की यह गजल लोगों के बीच हमेशा लिए अमर हो गई। आज भी लोग इस गजल को सुनते हैं और आगे भी सुनते रहेंगे। बहराल अब पंकज उधास के निधन से गजल की दुनिया खाली सी हो गई है। पंकज उधास के निधन से जहां उनके परिवार में शोक की लहर है तो वहीं उन्हें अनेक सुनने वालों को भी निधन की खबर से दुख पहुंचा है। सभी लोग पंकज उधास को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
गुजरात में जन्मे थे पंकज उधास
पंकज उधास मूल रूप से गुजरात के निवासी थे। पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात में राजकोट के पास चारखड़ी-जैतपुर में एक ज़मींदार चारण परिवार में हुआ था। पंकज तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके सबसे बड़े भाई मनहर उधास ने बॉलीवुड में हिंदी पार्श्व गायक के रूप में सफलता प्राप्त की थी। उनके दूसरे बड़े भाई निर्मल उधास भी एक प्रसिद्ध गज़ल गायक रहे। कहते हैं कि पंकज उधास के दादाजी उनके गाँव से पहले स्नातक थे और भावनगर राज्य के दीवान (राजस्व मंत्री) थे। उनके पिता, केशुभाई उधास, एक सरकारी कर्मचारी थे और प्रसिद्ध वीणा वादक अब्दुल करीम खान से मिले थे, जिन्होंने उन्हें दिलरुबा वादन सिखाया था।
पंकज उधास की गायकी में रुची अपने पिता को देखकर बढ़ी। पंकज उधास अपने बचपन में पिता को दिलरुबा वाद्य बजाते देखते थे। संगीत में उनकी और उनके भाइयों की रुचि को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें राजकोट में संगीत अकादमी में दाखिला दिलाया। उधास ने शुरू में तबला सीखने के लिए खुद को तैयार किया लेकिन बाद में गुलाम कादिर खान साहब से हिंदुस्तानी मुखर शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। इसके बाद उधास ग्वालियर घराने के गायक नवरंग नागपुरकर के संरक्षण में प्रशिक्षण लेने के लिए मुंबई चले गए। पंकज उधास की पढ़ाई गुजरात के साथ-साथ मुंबई में भी हुई। पंकज उधास ने पहले रंगमंच पर गायकी की। उन्हें पहली बार 51 रुपये का इनाम भी दिया गया था। वहीं पंकज उधास समय निकालकर गायन का अभ्यास लगातार करते रहे। उधास ने पहली बार 1972 की फिल्म कामना में अपनी आवाज दी लेकिन फिल्म सफल नहीं हो पाई।
इसके बाद उधास ने ग़ज़ल गायन में रुचि बढ़ाई। पंकज उधास ने ग़ज़ल गायक के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उर्दू भी सीखी। लेकिन यहां भी जब शुरू में सफलता नहीं मिली तो वे कनाडा चले गए और वहां और अमेरिका में छोटे-मोटे कार्यक्रमों में ग़ज़ल गायिकी करके अपना समय बिताया। इसके बाद वे फिर भारत लौट आए। यहां आने के बाद पंकज उधास ने अपनी पहली गजल एल्बम आहट 1980 में रिलीज़ की। इस एल्बम से पंकज उधास को सफलता मिलनी शुरू हो गयी थी और तबसे 2010 तक वे करीब 40 गजल एल्बम रिलीज़ कर चुके थे। इस दौरान पंकज उधास ने देश-विदेश में कई लाइव कन्सर्ट भी किए। पंकज उधास को 1986 में नाम फिल्म में चिठ्ठी आई है गाने के बाद फिल्मों में भी गाने मिलने लगे। पंकज उधास अपने पीछे दो बेटियों को छोड़ गए हैं। 1982 से पंकज उधास की शादी फरीदा से हुई थी।